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By: G D BHAGAT Senior Editor, UjalaNewsUK
चम्पावत अदालत का ऐतिहासिक फैसला-विवाह विच्छेद बिना सहमति से संबंध बनाना दुष्कर्म नहीं- आरोपी बरी
चम्पावत, उत्तराखंड (Champawat, Uttarakhand) - चम्पावत की एक अदालत ने दुष्कर्म के एक संवेदनशील मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए आरोपी धीरज रावत (30) को दोषमुक्त करार दिया है। विशेष सत्र न्यायाधीश अनुज कुमार संगल की अदालत ने स्पष्ट किया कि "जब पीड़िता पहले से विवाहित हो और उसका विवाह विच्छेद न हुआ हो, तो किसी अन्य व्यक्ति के साथ शादी के झूठे वादे पर बने संबंध को दुष्कर्म नहीं माना जा सकता।"
क्या था पूरा मामला? जानें पीड़िता के आरोप
फरवरी 2021 में बनबसा क्षेत्र की एक महिला ने आरोप लगाया था कि उसका पति 2013 में मुंबई चला गया था और तब से लौटकर नहीं आया। महिला ने दावा किया कि जून 2015 में धीरज रावत ने उसे लस्सी में नशीला पदार्थ देकर बेहोश किया और बलात्कार किया। उसके बाद शादी का झांसा देकर उसके साथ रहने लगा। महिला ने यह भी आरोप लगाया कि जब भी वह गर्भवती होती, आरोपी उसे गर्भपात की गोलियां देता था।
अदालत ने क्यों दिया आरोपी को राहत? जानें फैसले की बारीकियां
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि:
पीड़िता ने कभी भी अपने पहले पति से तलाक नहीं लिया
आरोपी के साथ उसके दीर्घकाल तक सहमति से संबंध रहे
ऐसा कोई ठोस सबूत नहीं मिला जिससे साबित हो कि संबंध बलपूर्वक बनाए गए
अदालत ने यह भी कहा कि मामले में दर्ज एफआईआर झूठी प्रतीत होती है और इससे न्यायालय को चार वर्ष तक बेबुनियाद तथ्यों पर सुनवाई करनी पड़ी।
न्यायिक टिप्पणी: 'झूठे मुकदमों से न्याय व्यवस्था पर पड़ता है अनावश्यक बोझ'
अदालत ने अपने फैसले में झूठे मुकदमों के गंभीर परिणामों पर प्रकाश डाला। न्यायाधीश ने कहा कि ऐसे मामले न केवल निर्दोष व्यक्तियों को प्रभावित करते हैं, बल्कि न्याय व्यवस्था पर भी अनावश्यक दबाव डालते हैं। अदालत ने जोर देकर कहा कि ऐसे संवेदनशील मामलों में गहन जांच और निष्पक्ष सुनवाई अत्यंत आवश्यक है।
कानूनी विशेषज्ञों की क्या है राय?
कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला भारतीय दंड संहिता की धारा 375 की व्याख्या को लेकर महत्वपूर्ण है। उनके अनुसार, अदालत ने स्पष्ट किया है कि "सहमति" और "धोखाधड़ी" के बीच के अंतर को समझना जरूरी है। हालांकि कुछ विशेषज्ञों ने इस बात पर चिंता जताई है कि ऐसे फैसले वास्तविक पीड़िताओं के लिए न्याय प्राप्त करना और मुश्किल बना सकते हैं।
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