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By: G D BHAGAT Senior Editor, UjalaNewsUK
श्री रीठा साहिब में तीन दिवसीय जोड़ मेला समापन: 1.20 लाख श्रद्धालुओं ने टेका मत्था
चंपावत (Champawat) - लधिया और रतिया नदी के पावन संगम पर स्थित गुरुद्वारा श्री रीठा साहिब में आयोजित तीन दिवसीय जोड़ मेले का भव्य समापन महाभोग और शरबत की भलाई के लिए विशेष अरदास के साथ हुआ। इस आध्यात्मिक महाकुंभ में 1.20 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दरबार साहिब में मत्था टेककर आशीर्वाद प्राप्त किया।
अखंड पाठ के बाद महाभोग ने बांटा प्रसाद
मेले के अंतिम दिन सुबह तड़के हजारों श्रद्धालुओं ने पवित्र नदी संगम में स्नान कर दिव्य आत्मशुद्धि की। मुख्य ग्रंथी ज्ञानी निर्मल सिंह ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब के अखंड पाठ की समाप्ति पर वैश्विक शांति और मानव कल्याण की कामना करते हुए अरदास की। इसके बाद सभी श्रद्धालुओं को महाभोग का पवित्र प्रसाद वितरित किया गया।
तीन दिन तक गूंजते रहे शब्द-कीर्तन
इस पावन अवसर पर गुरुद्वारा परिसर में लगातार तीन दिन तक शब्द-कीर्तन और गुरुवाणी के पाठ का सिलसिला चला। मेला आयोजन समिति के अनुसार देश-विदेश से आए 1.20 लाख से अधिक भक्तों ने इस आध्यात्मिक महोत्सव में भाग लिया। समापन समारोह में श्रद्धालुओं ने बाबा बच्चन सिंह, बाबा सुरेंद्र सिंह और बाबा श्याम सिंह से आशीर्वाद ग्रहण किया।
प्रशासन की सफलता: शांतिपूर्ण रहा पूरा आयोजन
जिला प्रशासन और पुलिस के लिए यह राहत का विषय रहा कि पूरा मेला बिना किसी अप्रिय घटना के शांतिपूर्वक संपन्न हुआ। आयोजन समिति ने पुलिस, विद्युत, जलापूर्ति, यातायात और स्वच्छता विभागों के सहयोग के लिए आभार जताया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी गुरु घर की सेवा भावना की सराहना करते हुए प्रदेश में शांति और समृद्धि की कामना की।
पर्यटन विकास पर जोर: श्रद्धालुओं ने रखे सुझाव
कई श्रद्धालुओं ने इस क्षेत्र में होमस्टे सुविधाएं विकसित करने और युवाओं को "नेचर गाइड" के रूप में प्रशिक्षित करने का सुझाव दिया। ग्रामीण आवासों को पर्यटकों के अनुकूल बनाने की मांग भी उठाई गई, ताकि इस पावन स्थल का धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिल सके।
"सत श्री अकाल" के जयघोष से गूंज उठा वातावरण
मेले के समापन पर पूरा वातावरण "जो बोले सो निहाल... सत श्री अकाल" के पावन जयघोष से गूंज उठा। इस अवसर पर गुरुद्वारा परिसर में फैली भक्तिमय ऊर्जा और आध्यात्मिक उत्साह ने सभी श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
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