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By: G D BHAGAT Senior Editor, UjalaNewsUK
उत्तराखंड में जुलाई में होने जा रहे पंचायत चुनाव: बारिश बनी सबसे बड़ी चुनौती
चंपावत (Champawat) - उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं। राज्य निर्वाचन आयोग और पंचायतीराज विभाग ने जुलाई में होने वाले इन चुनावों के लिए कमर कस ली है, लेकिन मानसून की भारी बारिश एक बड़ी चुनौती बनकर उभरी है।
क्या है चुनाव की तैयारियों का हाल?
राज्य सरकार ने पंचायत चुनाव के लिए अधिसूचना जारी कर दी है और आरक्षण प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है। अब चुनाव कार्यक्रम की घोषणा का इंतजार है। राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने बताया कि वे सभी जिलाधिकारियों के साथ कंटीजेंसी प्लान तैयार कर रहे हैं ताकि बारिश के बावजूद चुनाव प्रक्रिया सुचारू रूप से चल सके।
बारिश में पहली बार होगा पंचायत चुनाव
यदि जुलाई में पंचायत चुनाव होते हैं, तो यह राज्य गठन के बाद पहला मौका होगा जब मानसून के दौरान पंचायत चुनाव कराए जाएंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि पर्वतीय जिलों में उफनती नदियों और भूस्खलन के कारण मतदान दलों का दुर्गम क्षेत्रों तक पहुंचना मुश्किल होगा, जिससे मतदान प्रतिशत पर असर पड़ सकता है।
पिछले चुनाव के आंकड़े और वर्तमान चिंताएं
2019 में हुए पिछले पंचायत चुनाव में राज्य का औसत मतदान 69.59 प्रतिशत रहा था। जबकि इस बार बारिश के कारण मतदान प्रतिशत कम होने की आशंका जताई जा रही है। पंचायत संगठन के प्रदेश संयोजक जगत मार्तोलिया ने बताया कि पिथौरागढ़, चमोली और उत्तरकाशी जैसे जिलों में यातायात बाधित होने से चुनाव करवाना आसान नहीं होगा।
कैसे निपटेगा निर्वाचन आयोग?
राज्य निर्वाचन आयोग पंचायत चुनाव को लेकर कई विशेष प्रबंध कर रहा है। आयोग ने सभी जिलों से वैकल्पिक मार्गों की जानकारी मांगी है और हेलीकॉप्टर सेवा के इस्तेमाल पर भी विचार किया जा रहा है। साथ ही, मतदान केंद्रों पर विशेष सुरक्षा व्यवस्था और जल निकासी का प्रबंध किया जा रहा है।
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Uttarakhand Prepares for Panchayat Elections in July, Rain Poses Major Challenge