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By: Admin Senior Editor, UjalaNewsUK
उत्तराखंड: जनआक्रोश के आगे झुकी बीजेपी, कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने दिया इस्तीफा
देहरादून: उत्तराखंड में बीजेपी सरकार के कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफे की मुख्य वजह विधानसभा में की गई एक विवादास्पद टिप्पणी को बताया जा रहा है, जिसके बाद पूरे प्रदेश में जनआक्रोश फैल गया था। बीजेपी हाईकमान ने जनदबाव के आगे झुकते हुए प्रेमचंद अग्रवाल को इस्तीफा देने के निर्देश दिए।
क्या था विवाद?
विधानसभा के बजट सत्र के दौरान कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट के साथ हुई नोकझोंक के दौरान प्रेमचंद अग्रवाल ने पर्वतीय क्षेत्र के लिए एक असंसदीय शब्द का प्रयोग कर दिया था। इसके बाद से पूरे प्रदेश में उनके खिलाफ माहौल बन गया और लगातार प्रदर्शन होने लगे। विपक्ष के साथ-साथ बीजेपी के कई नेताओं ने भी उनकी टिप्पणी को आड़े हाथों लिया।
- विवादास्पद टिप्पणी: पर्वतीय क्षेत्र के लिए असंसदीय शब्द का प्रयोग।
- प्रतिक्रिया: विपक्ष और बीजेपी नेताओं ने की आलोचना।
- जनआक्रोश: पूरे प्रदेश में हुए प्रदर्शन।
पार्टी पर बढ़ा दबाव
विवाद के बाद से बीजेपी पर लगातार दबाव बना रहा। पार्टी के प्रदेश संगठन ने प्रेमचंद अग्रवाल को तलब कर मामले को शांत करने की कोशिश की, लेकिन जनता का आक्रोश कम नहीं हुआ। आखिरकार पार्टी ने उन्हें इस्तीफा देने के निर्देश दिए। पार्टी जानकारों का कहना है कि प्रधानमंत्री के मुखबा दौरे के दौरान भी प्रेमचंद को इसीलिए अलग रखा गया था, क्योंकि शीर्ष नेतृत्व उनसे नाराज था।
- पार्टी का दबाव: जनआक्रोश के कारण इस्तीफे के निर्देश।
- शीर्ष नेतृत्व की नाराजगी: प्रधानमंत्री के दौरे में नहीं किया शामिल।
भावुक होकर दिया इस्तीफा
रविवार शाम प्रेमचंद अग्रवाल ने अपने यमुना कालोनी स्थित सरकारी आवास में प्रेस कांफ्रेंस कर इस्तीफे की घोषणा की। इस दौरान वह भावुक हो गए और उनकी आंखों में आंसू आ गए। उन्होंने कहा कि राज्य आंदोलन के दौरान उन्होंने लाठी-डंडे खाए और उत्पीड़न झेला, लेकिन आज उन्हें ही टारगेट किया जा रहा है।
- भावुक पल: इस्तीफे की घोषणा करते हुए आंसू बहाए।
- राज्य आंदोलन का जिक्र: लाठी-डंडे खाने और उत्पीड़न झेलने की बात कही।
मुख्यमंत्री को सौंपा इस्तीफा
प्रेस कांफ्रेंस के बाद प्रेमचंद अग्रवाल सीधे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आवास पहुंचे और उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया। सूत्रों के अनुसार, इस्तीफे को राजभवन भेज दिया गया है। अग्रवाल ने कहा कि उनकी इच्छा है कि उत्तराखंड आगे बढ़े और वह इसके लिए हर संभव योगदान देंगे।
- इस्तीफा सौंपा: मुख्यमंत्री धामी को दिया इस्तीफा।
- भविष्य की योजना: प्रदेश के विकास में योगदान देने की बात कही।
पार्टी की चुप्पी पर सवाल
यह पहली बार नहीं है जब बीजेपी के किसी नेता का नाम विवाद में आया हो। इससे पहले पूर्व विधायक प्रणव चैंपियन, विधायक महेश जीना और विधायक प्रमोद नैनवाल को लेकर भी पार्टी को असहज स्थिति का सामना करना पड़ा था, लेकिन तब कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस बार पार्टी को जनआक्रोश के आगे झुकना पड़ा और प्रेमचंद अग्रवाल को इस्तीफा देना पड़ा।
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