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By: G D BHAGAT Senior Editor, UjalaNewsUK
चम्पावत के ऐतिहासिक डाक बंगलों को मिल रहा नया जीवन, ईको पर्यटन को बढ़ावा
चम्पावत, उत्तराखंड - Champawat, Uttarakhand
मॉडल जिला चम्पावत में अंग्रेजों के जमाने के डाक बंगलों को आधुनिक सुविधाओं से लैस कर पर्यटन के नक्शे पर उभारा जा रहा है। वन विभाग की इस पहल से न केवल ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित किया जा रहा है, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा हो रहे हैं।
ये डाक बंगले ऐसे मनोरम स्थानों पर स्थित हैं जहाँ से हिमालय की बर्फीली चोटियों का मनोहारी नजारा दिखाई देता है। घने जंगलों के बीच सुबह की सुनहरी धूप और प्रकृति के अनूठे दृश्य पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं।
रौसाल गाँव का 100 साल पुराना डाक बंगला बना आकर्षण का केंद्र
नेपाल सीमा से सटे रौसाल गाँव में स्थित शताब्दी पुराने डाक बंगले को नया स्वरूप दिया गया है। इस परियोजना के पीछे पूर्व डीएफओ आरसी कांडपाल की सोच है, जो अब 'जायका' (JICA) के सलाहकार के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने चम्पावत को ईको पर्यटन के क्षेत्र में वैश्विक पहचान दिलाने का संकल्प लिया है।
कांडपाल ने न केवल ऐतिहासिक इमारतों के जीर्णोद्धार पर ध्यान दिया है, बल्कि स्थानीय उत्पादों को जीआई टैग दिलाकर उनकी ब्रांडिंग की दिशा में भी काम किया है। चम्पावत का जैविक शहद अब 1800 रुपये प्रति किलो के भाव से बिक रहा है।
मौन पालन और च्यूरा शोधन से बढ़ेगी स्थानीय आय
कांडपाल के नेतृत्व में एक दर्जन गाँवों में शुरू किया गया मौन पालन कार्यक्रम अब पूरी तरह सफल हो चुका है। साथ ही, 'च्यूरा' (पहाड़ का कल्पवृक्ष) के प्रसंस्करण के लिए छीड़ा स्थित संयंत्र की क्षमता बढ़ाई जा रही है।
वर्तमान डीएफओ नवीन चंद्र पंत और राज्य मंत्री श्याम नारायण पांडे जिले में ईको पर्यटन के नए स्थलों की तलाश में जुटे हैं। भिंगराड़ा में पिरूल ब्रिकेट निर्माण के लिए 5.75 लाख रुपये की परियोजना भी स्वीकृत हो चुकी है।
वैश्विक स्तर पर बनेगी पहचान
इस परियोजना को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने के लिए प्रतिष्ठित कंसलटेंट कंपनियों से टेंडर आमंत्रित किए गए हैं। शीघ्र ही इन ऐतिहासिक धरोहरों का सौंदर्यीकरण कार्य शुरू हो जाएगा।
चम्पावत जिला ईको पर्यटन के क्षेत्र में नई ऊँचाइयाँ छूने जा रहा है। यहाँ के डाक बंगले अब न सिर्फ पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनेंगे, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेंगे।
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