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चंपावत से खेत्तीखान तक 17 किमी मोटर मार्ग को मिली हरी झंडी, दर्जनों गांवों को मिलेगा सीधा लाभ
चंपावत से खेत्तीखान तक 17 किमी मोटर मार्ग को मिली हरी झंडी, दर्जनों गांवों को मिलेगा सीधा लाभ
चंपावत। जिला मुख्यालय चंपावत से खेत्तीखान तक 17 किलोमीटर लंबे मोटर मार्ग के निर्माण को अंतिम स्वीकृति मिल गई है। इस परियोजना से ककना, मोरलेख, गल्लतधामनी, सोन और खेत्तीखान सहित दर्जनों ग्रामीण क्षेत्रों की बड़ी आबादी को यातायात सुविधा का लाभ मिलेगा। ग्रामीणों ने बक्कड़ पलना गांव में आयोजित बैठक में सड़क निर्माण के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र देकर परियोजना का रास्ता साफ कर दिया है।
संघर्ष समिति के प्रयासों से मिली स्वीकृति
संघर्ष समिति के सदस्य बंसत तुड़गी ने बताया कि लंबे समय से लंबित इस मांग को पूरा करने के लिए समिति ने शासन-प्रशासन से लगातार संवाद किया। नोडल अधिकारी के कार्यालय में समिति के कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए अनुरोध के बाद ही इस परियोजना को स्वीकृति मिली है। समिति के संयोजक विनोद महराणा ने कहा, "यह सड़क ग्रामीणों के जीवन में बदलाव लाएगी। अब उन्हें चंपावत तक पहुंचने में घंटों नहीं, बल्कि मिनटों लगेंगे।"
क्यों महत्वपूर्ण है यह सड़क?
• यह मार्ग 17 किमी में फैले दुर्गम इलाकों को जोड़ेगा।
• शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के लिए शहर तक पहुंच आसान होगी।
• कृषि उत्पादों का परिवहन सुगम होने से आय में वृद्धि होगी।
समिति के अनुसार, इस सड़क से न केवल समय बचेगा, बल्कि यात्रा के दौरान होने वाली ऊर्जा की बर्बादी भी रुकेगी।
बैठक में शामिल हुए प्रमुख लोग
संघर्ष समिति की ओर से बसंत तुड़गी, दिनेश गड़िया, विनोद महराणा, अंजलि रज फुलारा, कुशाल महराणा, हीरा बल्लभ भट्ट, चंद्र बल्लभ चकवाल और योगेश बक्कवाल ने बक्कड़ पलना गांव में हुई बैठक में भाग लिया। ग्रामीणों ने परियोजना के प्रति अपना समर्थन दोहराया।
कब शुरू होगा निर्माण?
हालांकि निर्माण की तिथि अभी घोषित नहीं की गई है, लेकिन शासन द्वारा जल्द ही टेंडर प्रक्रिया पूरी करने का अनुमान है। समिति ने अधिकारियों से अपील की है कि गुणवत्ता और समयसीमा का ध्यान रखते हुए कार्य शुरू किया जाए।
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