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By: lalit Senior Editor, UjalaNewsUK
उत्तराखंड में भूमि माफिया पर बड़ा प्रहार: 200 हेक्टेयर ज़मीन कब्ज़ा, 280 मामलों का फास्टट्रैक निपटारा!
देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने भू-कानून के उल्लंघन पर ऐतिहासिक कार्रवाई करते हुए 200 हेक्टेयर से अधिक अवैध कब्ज़े वाली भूमि को राज्य के खाते में शामिल किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर जिलाधिकारी सविन बंसल की अगुवाई में प्रशासन ने 280 मामलों का फास्टट्रैक प्रक्रिया से निपटारा किया है। यह कदम बाहरी लोगों द्वारा अवैध भूमि खरीद और जमीन के दुरुपयोग पर लगाम लगाने के लिए उठाया गया है।
कहाँ-कहाँ हुई कार्रवाई?
• तहसील ऋषिकेश: 21.89 हेक्टेयर
• तहसील डोईवाला: 2.82 हेक्टेयर
• तहसील सदर: 68.84 हेक्टेयर
• तहसील विकासनगर: 107.12 हेक्टेयर
उत्तराखंड जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम की धाराओं 154 (4)(3)(क), 154 (4)(3)(ख), 166 और 167 के तहत यह कार्रवाई की गई।
क्यों हुआ भूमि का दुरुपयोग?
जांच में खुलासा हुआ कि बाहरी खरीददारों ने 250 वर्ग मीटर से अधिक ज़मीन खरीदकर उसे होमस्टे, फार्म हाउस और निजी प्रोजेक्ट्स के लिए इस्तेमाल किया। इससे स्थानीय नागरिकों को सस्ती ज़मीन नहीं मिल पा रही थी और भूमि की कीमतें आसमान छू रही थीं। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि अनुमति के बिना खरीदी गई ज़मीन या निर्धारित समय में उपयोग न करने पर सीधी कार्रवाई होगी।
क्या कहा गया नोटिस में?
प्रशासन ने संबंधित पक्षों को अदालती नोटिस जारी कर कहा है कि यदि वे 30 दिनों के भीतर सबूत पेश नहीं करते हैं, तो ज़मीन का मालिकाना हक स्थायी रूप से राज्य सरकार को मिल जाएगा। जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा, "यह कार्रवाई उत्तराखंड के संसाधनों और नागरिकों के हित में की गई है।"
मुख्यमंत्री ने दिया ज़ोरदार बयान
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस कार्रवाई को "राज्य की सांस्कृतिक पहचान और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में ऐतिहासिक कदम" बताया। उन्होंने कहा, "भू-कानून को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। बाहरी तत्वों द्वारा ज़मीन के अवैध कब्ज़े पर शून्य सहनशीलता की नीति अपनाई जाएगी।"
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