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By: Admin Senior Editor, UjalaNewsUK
पिथौरागढ़ में वनराजि जनजाति के इतिहास का पता चला मिलीं 300 साल पुरानी ऐतिहासिक गुफाएं:
गोबराड़ी गांव, पिथौरागढ़ (Gobaradi Village, Pithoragarh) - उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में एक बेहद महत्वपूर्ण ऐतिहासिक खोज सामने आई है। काफल हिल टीम के संस्थापक तरुण महरा ने थल क्षेत्र के मुवानी में वनराजि जनजाति से जुड़ी दो विशाल गुफाएं और एक प्राचीन मकान के अवशेष खोजे हैं, जो करीब 300 साल पुराने बताए जा रहे हैं।
यह खोज वनराजि जनजाति के जीवन, संस्कृति और उनकी सभ्यता को समझने में नया आयाम जोड़ सकती है।
कहां और कैसे मिली ये ऐतिहासिक धरोहर?
यह अनूठी खोज गोबराड़ी गांव के पास रौता उडियार नामक स्थान पर हुई है, जहां से 500 मीटर दूर पहले एक रहस्यमयी सुरंग मिली थी। तरुण महरा ने बताया कि यह स्थान धन रौत नामक व्यक्ति और उसके परिवार से जुड़ा हुआ है, जो पहले गुफाओं में रहते थे और बाद में उन्होंने घर बनाना सीख लिया।
"उखलढुंगा" का है विशेष ऐतिहासिक महत्व
इस क्षेत्र में "उखलढुंगा" नामक एक अनोखा स्थान भी मिला है, जहां एक विशाल चिकने पत्थर में दो बड़ी ओखलियां बनी हुई हैं। "यह पत्थर धान कूटने के काम आता था और आज भी गांव वाले भैया दूज के दिन यहां च्यूड़ा (धान) कूटने की परंपरा निभाते हैं," महरा ने बताया।
इस खोज से पता चलता है कि कैसे यहां के निवासियों ने गुफाओं से निकलकर घर बनाने की कला सीखी और एक नई सभ्यता की नींव रखी।
पुरातत्व संरक्षण और पर्यटन विकास की संभावनाएं
तरुण महरा ने इस खोज की जानकारी कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत को दी है और इस स्थल के संरक्षण की मांग की है। "अगर इसे सही तरीके से संरक्षित किया जाए, तो यह इतिहासकारों, शोधकर्ताओं और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन सकता है," महरा ने कहा।
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