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By: Admin Senior Editor, UjalaNewsUK
उत्तराखंड: अब कैमरों की नजर में रहेंगे जंगली हाथी-बाघ, सड़क हादसों पर लगेगी रोक
हल्द्वानी, उत्तराखंड (Haldwani, Uttarakhand) - वन्यजीवों के लिए घातक साबित हो रही जंगलों को काटकर बनाई गई सड़कों पर अब ट्रैप कैमरों की निगरानी शुरू होगी। वन विभाग और डब्लूडब्लूएफ (वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड) की संयुक्त पहल से हल्द्वानी-रुद्रपुर हाईवे समेत अन्य संवेदनशील मार्गों पर वन्यजीवों की आवाजाही का अध्ययन किया जाएगा।
क्यों जरूरी है यह पहल?
पिछले कुछ वर्षों में हल्द्वानी-रुद्रपुर हाईवे पर कई वन्यजीव सड़क हादसों का शिकार हो चुके हैं। जनवरी 2021 से फरवरी 2025 तक इस मार्ग पर दो बाघ, एक हथिनी और एक बाघ के शावक की मौत हो चुकी है। यह हाईवे टांडा जंगल और गौला हाथी कॉरिडोर को काटता है, जहां बाघ, हाथी, तेंदुआ समेत अन्य वन्यजीवों की नियमित आवाजाही रहती है।
कैसे काम करेगी यह व्यवस्था?
वन विभाग द्वारा बेलबाबा से पंतनगर मोड़ तक और लालकुआं की तरफ पड़ने वाले गौला कॉरिडोर के आसपास ट्रैप कैमरे लगाए जाएंगे। ये कैमरे वन्यजीवों की आवाजाही के समय, सीजन और प्रमुख क्रॉसिंग पॉइंट्स का डेटा एकत्र करेंगे। इस जानकारी के आधार पर भविष्य में सुरक्षा उपाय तैयार किए जाएंगे।
भविष्य की योजनाएं
कुमाऊं के मुख्य वन संरक्षक डॉ. धीरज पांडे ने बताया कि प्रारंभिक अध्ययन के बाद भाखड़ा पुल से रामनगर तक के मार्ग को भी इस परियोजना में शामिल किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि रेलवे ट्रैक पर वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए AI तकनीक के उपयोग पर भी विचार किया जा रहा है।
क्या होंगे लाभ?
इस शोध से प्राप्त डेटा के आधार पर:
- वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए विशेष समय पर ट्रैफिक नियंत्रण
- संवेदनशील क्षेत्रों में स्पीड ब्रेकर और चेतावनी बोर्ड की व्यवस्था
- दुर्घटना संभावित क्षेत्रों की पहचान
- भविष्य में सड़क निर्माण योजनाओं में वन्यजीवों के हितों का ध्यान
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