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By: Admin Senior Editor, UjalaNewsUK
चम्पावत बाइपास भूमि मुआवजे को लेकर आक्रोश: ग्रामीणों ने 2025 के सर्किल रेट पर मुआवजा देने की मांग की
चम्पावत, उत्तराखंड (Champawat, Uttarakhand) - आल वैदर रोड पर बनने वाले चम्पावत बाइपास के लिए अधिग्रहित की गई भूमि के मुआवजे को लेकर ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है। भू-स्वामियों का आरोप है कि उन्हें 2018 के सर्किल रेट के आधार पर मुआवजा दिया जा रहा है, जबकि वर्तमान भूमि दरों में दोगुने से अधिक का अंतर है।
"2018 की दर पर मुआवजा देना भू-स्वामियों के साथ नाइंसाफी है," यह कहना था ग्रामीणों का।
सांसद अजय टम्टा को सौंपा गया ज्ञापन
सोमवार, 31 मार्च को एक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय राज्य मंत्री एवं अल्मोड़ा के सांसद अजय टम्टा को ज्ञापन सौंपकर मांग की कि मुआवजा 2025 के सर्किल रेट के आधार पर दिया जाए। प्रतिनिधिमंडल में चम्पावत के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष मनीष महर, पूर्व ग्राम प्रधान संजय रावत, दीपक रावत सहित कई ग्रामीण शामिल थे।
44 करोड़ रुपये का मुआवजा वितरण शुरू होना बाकी
आल वैदर रोड के अंतर्गत चम्पावत में मुड़ियानी से तिलौन तक 9.05 किमी के प्रस्तावित बाइपास के लिए 12.78 हेक्टेयर नाप भूमि अधिग्रहित की गई है। इसके लिए कुल 44 करोड़ रुपये का मुआवजा वितरित किया जाना है। हालांकि, भू-स्वामी 30 मार्च से शुरू हुए शिविर में अपने दस्तावेज जमा करने से इनकार कर रहे हैं।
"मौजूदा दरों के हिसाब से मुआवजा मिलना चाहिए," ग्रामीणों ने जोर देकर कहा।
राजस्व विभाग को भी दिया ज्ञापन
इससे पहले 30 मार्च को ग्रामीणों ने राजस्व कर्मियों को भी ज्ञापन सौंपकर मांग की थी कि मुआवजा वर्तमान सर्किल रेट के आधार पर दिया जाए। उनका कहना है कि सात साल पुरानी दरों पर मुआवजा देना उचित नहीं है।
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