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By: Admin Senior Editor, UjalaNewsUK
सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: पुलिस की मनमानी पर लगाम, नागरिकों के अधिकारों को मिली मजबूती
नई दिल्ली, भारत - New Delhi, India
सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस की मनमानी और नागरिकों के साथ दुर्व्यवहार पर ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए सख्त निर्देश जारी किए हैं। कोर्ट ने कहा कि "एक आम आदमी से अपनी सीमा लांघने की उम्मीद की जा सकती है, लेकिन पुलिस से नहीं।" यह फैसला हरियाणा पुलिस द्वारा विजय पाल यादव के साथ किए गए अत्याचार के मामले में आया है।
पुलिस की मनमानी पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त फटकार
हरियाणा, भारत - Haryana, India
सुप्रीम कोर्ट ने 26 मार्च 2025 को जस्टिस एहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच ने पुलिस की मनमानी पर कड़ी टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि पुलिस को निर्धारित मानदंडों का पालन करना चाहिए और कानून का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कोर्ट ने सोमनाथ बनाम महाराष्ट्र राज्य 2024 के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि पुलिस अभी भी गिरफ्तारी के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन कर रही है।
पुलिस को दिए गए 4 बड़े निर्देश
देशव्यापी - Nationwide
सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों के पुलिस प्रमुखों (DGP) को चार प्रमुख निर्देश जारी किए हैं:
पुलिस कार्रवाई पर कड़ी नजर रखी जाए।
अपराधियों के साथ कानूनी व्यवहार किया जाए।
कानून व्यवस्था पर जनता का भरोसा बनाए रखा जाए।
गिरफ्तारी के दौरान चेकलिस्ट मशीनी तरीके से नहीं भरी जाए।
गिरफ्तारी के नए नियम: BNSS 2023 क्या बदलाव लाया?
कानूनी अपडेट - Legal Update
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) 2023 ने गिरफ्तारी की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया है। अब गिरफ्तारी और पूछताछ की इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्डिंग अनिवार्य है। साथ ही, गिरफ्तार व्यक्ति के परिवार को तुरंत सूचना देना भी जरूरी है। पुलिस बिना वारंट के केवल संगीन अपराधों में ही गिरफ्तारी कर सकती है।
पुलिस की मनमानी के 3 बड़े मामले
कोर्ट केस - Court Cases
सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस की मनमानी पर पहले भी कड़ी टिप्पणी की है:
पंकज बंसल बनाम भारत संघ (2023): ED द्वारा गैरकानूनी गिरफ्तारी।
अर्नेश कुमार बनाम बिहार राज्य (2014): बिना वारंट गिरफ्तारी।
जोगिंदर कुमार बनाम उत्तर प्रदेश राज्य (1994): अनुच्छेद 21 का उल्लंघन।
नागरिकों के अधिकार: पुलिस कार्रवाई के दौरान क्या करें?
जनता के हक - Public Rights
अगर पुलिस गलत तरीके से गिरफ्तार करती है, तो नागरिकों के पास 8 प्रमुख अधिकार हैं, जिनमें वकील से सलाह लेना, मेडिकल जांच कराना और कोर्ट में शिकायत दर्ज कराना शामिल है।
क्या सुप्रीम कोर्ट के निर्देश से पुलिस में सुधार आएगा?
विशेषज्ञ राय - Expert Opinion
पूर्व DGP विक्रम सिंह का कहना है कि "पुलिस पर काम का दबाव और कर्मियों की कमी के कारण सुधार मुश्किल है।" उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारी अक्सर खुद को फिल्मी हीरो समझने लगते हैं, जिससे मनमानी बढ़ती है।
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