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By: Admin Senior Editor, UjalaNewsUK
AI का अंधेरा पक्ष: ChatGPT से बन रहे फर्जी आधार-पैन कार्ड, साइबर अपराधों को मिल रहा नया हथियार
नई दिल्ली, भारत - New Delhi, India
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक के दुरुपयोग ने एक नए प्रकार के साइबर खतरे को जन्म दिया है। साइबर विशेषज्ञों के अनुसार "ChatGPT जैसे जनरेटिव AI टूल्स का उपयोग अब नकली आधार कार्ड और पैन कार्ड बनाने के लिए किया जा रहा है"। यह तकनीक इतनी परिष्कृत हो चुकी है कि नकली दस्तावेजों को वास्तविक से अलग कर पाना लगभग असंभव हो गया है।
कैसे काम कर रहा है यह नया साइबर धोखाधड़ी का तरीका?
तकनीकी खतरा - Technological Threat
AI इमेज जेनरेशन टूल्स मात्र कुछ सेकंड में किसी भी व्यक्ति का नाम, पता और फोटो डालकर पूर्णतः वास्तविक दिखने वाले पहचान पत्र तैयार कर सकते हैं। इन फर्जी दस्तावेजों का उपयोग "फर्जी बैंक खाते खोलने, लोन प्राप्त करने और अवैध गतिविधियों के लिए मोबाइल सिम कार्ड एक्टिवेट करने" में किया जा रहा है।
डेटा सुरक्षा को कैसे हो रहा है नुकसान?
सामाजिक संकट - Social Crisis
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इस प्रकार के धोखाधड़ी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। जब किसी नागरिक की पहचान का दुरुपयोग होता है तो न केवल उसे आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है, बल्कि वह कानूनी परेशानियों में भी फंस सकता है।
क्या है समाधान का रास्ता?
विशेषज्ञ सुझाव - Expert Recommendations
तकनीकी विशेषज्ञों ने इस समस्या से निपटने के लिए कई उपाय सुझाए हैं। इनमें "AI इमेज जेनरेशन टूल्स पर सख्त निगरानी, विशिष्ट डॉक्यूमेंट टेम्पलेट्स को ब्लॉक करना और जनता को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक करना" प्रमुख हैं। साथ ही सरकार और टेक कंपनियों के बीच समन्वय की आवश्यकता पर बल दिया गया है।
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