🔊
By: G D BHAGAT Senior Editor, UjalaNewsUK
उत्तराखंड: बिजली बिलों की बकाया राशि में उछाल, यूपीसीएल के सामने बड़ी चुनौती
देहरादून, उत्तराखंड (Dehradun, Uttarakhand) - उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) के लिए बिजली बिलों की बकाया राशि एक बड़ी समस्या बनती जा रही है। पिछले पांच वर्षों में यह बकायेदारी 513 करोड़ रुपये तक बढ़ चुकी है, जिस पर उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने गंभीर चिंता जताई है। आयोग ने यूपीसीएल से एक महीने के भीतर इस मामले में कार्ययोजना पेश करने को कहा है।
बकाया राशि ने पार किया 2157 करोड़ का आंकड़ा
यूपीसीएल की वार्षिक राजस्व आवश्यकताओं (एआरआर) का 20% से अधिक हिस्सा बकाया बिजली बिलों में फंसा हुआ है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए एआरआर 10,690.03 करोड़ रुपये था, जबकि बकाया राशि 2,157.62 करोड़ रुपये तक पहुँच गई है। नियामक आयोग के अनुसार, यह राशि कंपनी के कुल राजस्व का 20.18 प्रतिशत है, जो एक गंभीर स्थिति को दर्शाता है।
हर साल बढ़ रही है बकायेदारी
आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2021 में 2,73,076 उपभोक्ताओं पर 1,643.87 करोड़ रुपये की बकाया राशि थी। यह आंकड़ा हर साल बढ़ता गया और 2022 में 3,01,960 उपभोक्ताओं पर 1,886.9 करोड़ रुपये, 2023 में 3,11,369 उपभोक्ताओं पर 1,878.64 करोड़ रुपये और दिसंबर 2024 तक 3,66,951 उपभोक्ताओं पर यह राशि 2,157.62 करोड़ रुपये तक पहुँच गई।
आयोग ने मांगा एक्शन प्लान
इस बढ़ती बकायेदारी को देखते हुए उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने यूपीसीएल से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। आयोग ने कंपनी को एक माह के भीतर एक प्रभावी योजना पेश करने का निर्देश दिया है, ताकि बकाया राशि की वसूली सुनिश्चित की जा सके।
#उत्तराखंड #यूपीसीएल #बिजली_बिल #बकाया_राशि #विद्युत_आयोग #देहरादून #ऊर्जा_संकट #बिजली_वसूली #उत्तराखंड_समाचार #राजस्व_नुकसान