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By: G D BHAGAT Senior Editor, UjalaNewsUK
बेरोजगारी से तंग आकर उत्तराखंड के बीपीएड-एमपीएड युवाओं ने मांगी इच्छा मृत्यु
हल्द्वानी, उत्तराखंड - Haldwani, Uttarakhand
उत्तराखंड के बीपीएड और एमपीएड डिग्रीधारक युवाओं ने बुधवार को 15 साल तक बेरोजगारी झेलने के बाद चौंकाने वाला कदम उठाते हुए "इच्छा मृत्यु" की मांग की। हल्द्वानी के जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन करते हुए इन युवाओं ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री समेत अन्य अधिकारियों को ज्ञापन भेजकर तत्काल रोजगार की मांग की।
क्या है पूरा मामला?
बीपीएड-एमपीएड डिग्रीधारकों का आरोप है कि वे पिछले 15 वर्षों से लगातार शासन-प्रशासन के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें "सिर्फ खोखले आश्वासन" ही मिले हैं। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष जगदीश चंद्र पांडे ने बताया कि नई शिक्षा नीति 2020 के तहत हर स्कूल में शारीरिक शिक्षक की नियुक्ति अनिवार्य होने के बावजूद सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
युवाओं की मुख्य मांगें
प्रदर्शनकारियों ने तीन मुख्य मांगें रखीं:
1. नई शिक्षा नीति के तहत शारीरिक शिक्षकों की तुरंत भर्ती
2. विशिष्ट बीटीसी के माध्यम से प्राथमिक स्कूलों में नियुक्ति प्रक्रिया फिर से शुरू
3. लंबित भर्तियों को तुरंत पूरा करने के लिए ठोस कार्ययोजना
मानसिक अवसाद और आर्थिक संकट की मार
प्रदर्शनकारी युवाओं ने बताया कि लंबे समय तक बेरोजगारी ने उन्हें "मानसिक और आर्थिक रूप से तोड़ दिया" है। कई युवा अवसाद का शिकार हो चुके हैं, जबकि कुछ को परिवार की जिम्मेदारियां निभाने के लिए मजदूरी तक करनी पड़ रही है।
प्रशासन और सरकार की प्रतिक्रिया
जिला प्रशासन ने युवाओं का ज्ञापन स्वीकार कर लिया है और मामले को उच्च स्तर पर उठाने का आश्वासन दिया है। हालांकि, राज्य सरकार की ओर से अभी तक कोई "ठोस बयान" सामने नहीं आया है।
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