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By: G D BHAGAT Senior Editor, UjalaNewsUK
चम्पावत में राजस्व कर्मियों का कार्य बहिष्कार जारी, जनता को झेलनी पड़ रही मुश्किलें
चम्पावत, उत्तराखंड (Champawat, Uttarakhand) - राजस्व विभाग के कर्मचारियों का दो दिवसीय कार्य बहिष्कार दूसरे दिन भी जारी रहा, जिससे जिले भर में दाखिल-खारिज, सीमांकन, निवास प्रमाण पत्र और भूमि संबंधी कार्य पूरी तरह ठप हो गए हैं। राजस्व उप निरीक्षक, निरीक्षक और अनुसेवकों ने अपनी दो सूत्रीय मांगों को लेकर तहसील मुख्यालय में धरना-प्रदर्शन किया और जिला प्रशासन के माध्यम से राज्य सरकार को ज्ञापन सौंपा।
क्या हैं राजस्व कर्मियों की प्रमुख मांगें?
राजस्व कर्मियों ने दो मुख्य मांगें रखी हैं। पहली मांग में उन्होंने राजस्व पुलिस के कार्यों को नियमित पुलिस को सौंपने की मांग की है, जिसे उत्तराखंड हाईकोर्ट ने मई 2025 तक लागू करने का आदेश दिया था, लेकिन अभी तक इसे पूरी तरह लागू नहीं किया गया है। दूसरी मांग में कर्मचारियों ने लैपटॉप, डाटा पैक, प्रिंटर और मानदेय की सुविधा देने की मांग की है, ताकि वे काश्तकारों के भूमि रिकॉर्ड को डिजिटल तरीके से तैयार कर सकें।
"हाथ से खतौनी निकालने में आँखें पथरा जाती हैं"
राजस्व उप निरीक्षकों ने अपनी परेशानी बताते हुए कहा कि मैन्युअल रूप से खतौनी तैयार करने में उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। धरना स्थल पर मौजूद कौशल पुनेठा, हरीश गहतोड़ी और अशोक विश्वकर्मा जैसे कर्मचारियों ने कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो वे भविष्य में और आंदोलन करने को तैयार हैं। हालांकि चम्पावत में राजस्व पुलिस का काम पुलिस विभाग को सौंप दिया गया है, लेकिन संगठन राज्य के अन्य हिस्सों में चल रहे आंदोलन का समर्थन कर रहा है।
जनता को हो रही दिक्कतें, लेकिन आंदोलन को मिल रहा समर्थन
कार्य बहिष्कार के चलते आम लोगों को भूमि संबंधी कार्यों में देरी का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन फिर भी उन्होंने राजस्व कर्मियों के आंदोलन को समर्थन दिया है। स्थानीय निवासी कैलाश पांडे और धीरेंद्र शर्मा ने कहा कि "आज के डिजिटल युग में मैन्युअल काम करना संभव नहीं है, इसलिए कर्मचारियों की मांगें जायज़ हैं।"
जिले के सभी 67 पटवारी और 15 अनुदेशक आंदोलन में शामिल
राजस्व संगठन के जिलाध्यक्ष पुष्कर नाथ गोश्वामी ने बताया कि जिले के सभी 67 पटवारी, 15 अनुदेशक और 7 राजस्व निरीक्षक इस आंदोलन में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने जल्द ही उनकी मांगों पर कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया, तो आंदोलन और तेज़ किया जाएगा।
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Champawat Revenue Employees' Strike Continues, Public Faces Severe Difficulties in Land-Related Works