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By: G D BHAGAT Senior Editor, UjalaNewsUK
50 साल बाद भी आंगनवाड़ी से वंचित: मुख्यमंत्री के अपने ही विधानसभा क्षेत्र की दर्दनाक कहानी
चंपावत (Champawat) - जहां पूरा देश आंगनवाड़ी योजना के 50 साल पूरे होने का जश्न मना रहा है, वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अपने ही विधानसभा क्षेत्र चंपावत के नागार्जुन, ब्लॉक कैंपस और सैनिक कॉलोनी जैसे इलाकों के बच्चे इस बुनियादी सुविधा से वंचित हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि इन क्षेत्रों में एक भी [color=blue]आंगनवाड़ी केंद्र संचालित नहीं है, जिसके चलते सैकड़ों बच्चों को पोषण, प्राथमिक शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित रहना पड़ रहा है।[/color]
क्या है जमीनी हकीकत?
चंपावत जिले के नागार्जुन और ब्लॉक कैंपस क्षेत्र में आज तक एक भी आंगनवाड़ी केंद्र नहीं खुल पाया है। वहीं तेजी से आबाद हो रही सैनिक/आदर्श कॉलोनी में भी इसकी सख्त जरूरत महसूस की जा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर सोशल ऑडिट कराया जाए तो पता चलेगा कि इन इलाकों के बच्चों ने कभी आंगनवाड़ी योजना का विशेष लाभ नहीं उठाया। जिले के अन्य क्षेत्रों में जहां केंद्र संचालित हैं, वहां भी भौगोलिक कठिनाइयों के चलते बच्चों तक सेवाएं नहीं पहुंच पा रही हैं।
1975 में शुरू हुई योजना का उद्देश्य कहां हुआ फेल?
1975 में शुरू की गई आंगनवाड़ी योजना का मूल उद्देश्य बच्चों के पोषण स्तर में सुधार, कुपोषण और बाल मृत्यु दर में कमी, बाल श्रम पर नियंत्रण और प्रारंभिक बाल शिक्षा व स्वास्थ्य देखभाल सुनिश्चित करना था। लेकिन चंपावत के इन क्षेत्रों में यह योजना अपने मूल उद्देश्यों से कोसों दूर नजर आती है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि उनके बच्चों को सिर्फ टीकाकरण की सुविधा मिल पाती है, जबकि मिड-डे मील और अन्य पोषण सेवाओं से वे वंचित रह जाते हैं।
स्थानीय लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उठाई आवाज
इस मुद्दे पर स्थानीय सभासद बबिता प्रहरी और सामाजिक कार्यकर्ता सूरज प्रहरी ने मुख्यमंत्री से मिलकर सैनिक/आदर्श कॉलोनी में आंगनवाड़ी केंद्र खोलने की मांग की है। यह पहली बार है जब इस मुद्दे पर इतने संगठित तरीके से आवाज उठाई गई है। स्थानीय लोगों का तर्क है कि जैसे-जैसे इन क्षेत्रों में आबादी बढ़ रही है, वैसे-वैसे आंगनवाड़ी केंद्रों की जरूरत भी बढ़ती जा रही है। उनका कहना है कि आबादी वाले क्षेत्रों में ही नए केंद्र खोले जाने चाहिए।
क्या हैं स्थानीय लोगों की मुख्य मांगें?
नागार्जुन, ब्लॉक कैंपस और सैनिक कॉलोनी क्षेत्र में तुरंत नए आंगनवाड़ी केंद्र खोले जाएं। पूरे जिले में सोशल ऑडिट और क्षेत्रीय सर्वे कराया जाए ताकि वास्तविक जरूरतमंदों तक योजना का लाभ पहुंच सके। जिन इलाकों में पहले से केंद्र संचालित हैं, वहां उनकी उपयोगिता का मूल्यांकन किया जाए। भौगोलिक रूप से कठिन क्षेत्रों के लिए मोबाइल या होम-बेस्ड सेवाओं की व्यवस्था की जाए। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह सिर्फ सुविधा का मामला नहीं, बल्कि सैकड़ों बच्चों के भविष्य और स्वास्थ्य से जुड़ा गंभीर मुद्दा है।
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