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By: G D BHAGAT Senior Editor, UjalaNewsUK
चंपावत का सोलर हैंडपंप घोटाला- लाखों का उपकरण बना खामोश -जिम्मेदारों का पता नहीं
चंपावत (Champawat) - जिला प्रशासन की नाक के नीचे लगा सोलर हैंडपंप अब प्रशासनिक लापरवाही की मूक गवाही दे रहा है। ब्लॉक ऑफिस और मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) कार्यालय के बीच लगा यह [color=blue]सोलर हैंडपंप महज कुछ दिन चलकर ही बंद हो गया, जिसके बाद से यह सरकारी पैसे की बर्बादी का प्रतीक बनकर रह गया है।[/color] लाखों रुपये की लागत से लगाए गए इस पंप के बारे में हैरानी की बात यह है कि न तो इसकी जिम्मेदारी किसी विभाग ने ली और न ही कोई जानकारी बोर्ड लगाया गया।
पानी की त्रासदी: जनसुविधा बनी जनसमस्या
इस सोलर हैंडपंप पर आसपास के सैकड़ों परिवारों और आवागमन करने वाले लोगों की पानी की जरूरतें निर्भर थीं। स्थानीय निवासी राम सिंह ने बताया, "यह पंप हमारी दिनचर्या का अहम हिस्सा बन गया था, लेकिन अचानक बंद हो जाने से हमें दूर-दूर तक पानी के लिए भटकना पड़ रहा है।" जिले में पहले से ही गहराए जल संकट को यह घटना और भी विकराल बना रही है।
रहस्यमय तरीके से हुआ था इंस्टॉलेशन
स्थानीय लोगों के अनुसार कुछ लोगों ने अचानक आकर इस सोलर हैंडपंप को लगाया और बिना किसी जानकारी के चले गए। न तो किसी ने बताया कि यह किस विभाग की योजना है और न ही रखरखाव के लिए कोई जिम्मेदार तैनात किया गया। यह सवाल भी अनुत्तरित है कि दफ्तरों के ठीक बीच में लगे इस पंप पर प्रशासन की नजर क्यों नहीं पड़ी?
प्रशासन पर सवाल और जनता की मांग
स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से तत्काल इस सोलर हैंडपंप को ठीक कराने की मांग की है। उनका कहना है कि यह मामला सिर्फ एक पंप के खराब होने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी को उजागर करता है। लोगों ने मांग की है कि न केवल इस पंप को ठीक किया जाए, बल्कि भविष्य में ऐसी योजनाओं के लिए स्पष्ट जिम्मेदारी तय की जाए।
क्या हैं बड़े सवाल?
इस पूरे प्रकरण ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या यह मामला सरकारी धन के दुरुपयोग का है? क्यों नहीं किसी विभाग ने इस सोलर हैंडपंप की जिम्मेदारी ली? क्या प्रशासनिक अधिकारियों की निगरानी में लगाए गए उपकरणों का इस तरह बेकार पड़ जाना सामान्य बात है? स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर दफ्तरों के सामने लगे उपकरणों का यह हाल है तो ग्रामीण इलाकों की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है।
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Champawat Solar Handpump Scandal: Lakhs Worth Equipment Goes Silent, Authorities Untraceable