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पूर्वोत्तर में बाढ़ और भूस्खलन का तांडव: दो दिनों में 30 की मौत, असम में 24 घंटे में 8 मरे | Ujala News Uk)

(Floods and landslides wreak havoc in north east 30 dead in two days ujalanewsuk)
Posted by G D BHAGAT
Posted Date: 2025-06-01 12:10:12
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पूर्वोत्तर में बाढ़ और भूस्खलन का तांडव: दो दिनों में 30 की मौत, असम में 24 घंटे में 8 मरे

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पूर्वोत्तर में बाढ़ और भूस्खलन का तांडव: दो दिनों में 30 की मौत, असम में 24 घंटे में 8 मरे

By: G D BHAGAT

Senior Editor, UjalaNewsUK


नई दिल्ली - New Delhi - भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई है, जिसके परिणामस्वरूप बाढ़ और भूस्खलन से पिछले दो दिनों में 30 लोगों की जान चली गई है। असम में पिछले 24 घंटों में 8 लोगों की मौत ने क्षेत्र में आपदा की गंभीरता को और उजागर किया है। मौसम विभाग ने असम के कई हिस्सों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, जिससे प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाई जा रही है। असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मिजोरम और मणिपुर जैसे राज्य इस प्राकृतिक आपदा की चपेट में हैं, जहां हजारों लोग प्रभावित हुए हैं और कई गांव जलमग्न हो गए हैं। यह आपदा न केवल मानव जीवन को प्रभावित कर रही है, बल्कि बुनियादी ढांचे और आजीविका को भी भारी नुकसान पहुंचा रही है।

असम में बाढ़ की भयावह स्थिति



असम इस आपदा से सबसे अधिक प्रभावित राज्यों में से एक है। पिछले 24 घंटों में असम में 8 लोगों की मौत की खबर है, जिसमें गुवाहाटी के बोंदा क्षेत्र में एक भूस्खलन में पांच लोग, जिनमें तीन बच्चे शामिल थे, मारे गए। असम के 12 जिलों में कम से कम 60,000 लोग प्रभावित हुए हैं, और कई गांव पूरी तरह से पानी में डूब गए हैं। ब्रह्मपुत्र नदी और इसकी सहायक नदियों, जैसे कोपिली और बराक, का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है, जिससे हजारों लोग विस्थापित हो गए हैं। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के अनुसार, प्रभावित जिलों में करीमगंज, लखीमपुर और डिब्रूगढ़ सबसे अधिक प्रभावित हैं। राहत शिविरों में हजारों लोग शरण ले रहे हैं, और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और असम राइफल्स बचाव कार्यों में जुटे हैं।

मौसम विभाग का रेड अलर्ट



भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने असम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश के लिए भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। 1 जून 2025 को जारी रेड अलर्ट में कहा गया है कि अगले 24 घंटों में असम के कई हिस्सों में मूसलाधार बारिश जारी रहेगी, जिससे बाढ़ और भूस्खलन का खतरा और बढ़ सकता है। गुवाहाटी और तेजपुर में मई में रिकॉर्ड तोड़ बारिश दर्ज की गई, जिसमें गुवाहाटी में 111 मिमी और तेजपुर में 174 मिमी बारिश हुई। मौसम विभाग ने लोगों से नदी किनारों और पहाड़ी क्षेत्रों से दूर रहने की अपील की है। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि गुवाहाटी में 366 पहाड़ी स्थान भूस्खलन के लिए जोखिमपूर्ण हैं, फिर भी कई लोग इन क्षेत्रों में रह रहे हैं। यह स्थिति क्षेत्र में आपदा प्रबंधन की कमी को उजागर करती है।

अन्य राज्यों में तबाही का मंजर



असम के अलावा, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मिजोरम और मणिपुर में भी बाढ़ और भूस्खलन ने भारी नुकसान पहुंचाया है। अरुणाचल प्रदेश में सात लोगों की मौत की खबर है, जिसमें दो परिवारों के सात सदस्य एक भूस्खलन में मारे गए जब उनकी कार नेशनल हाईवे 13 पर एक गहरी खाई में गिर गई। मिजोरम में चार लोगों की मौत हुई, जिनमें तीन म्यांमार शरणार्थी शामिल थे, जो चम्फाई जिले के वफाई गांव में भूस्खलन की चपेट में आ गए। मेघालय में तीन और मणिपुर में पानी के तेज बहाव के कारण कई लोग प्रभावित हुए हैं। सिक्किम में तीस्ता नदी का जलस्तर बढ़ने से सड़कें और पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिससे लगभग 1,500 पर्यटक उत्तरी सिक्किम में फंस गए हैं। इन राज्यों में राहत और बचाव कार्यों को तेज करने के लिए सेना और वायुसेना को तैनात किया गया है।

ब्रह्मपुत्र नदी का उफान



ब्रह्मपुत्र नदी, जो असम के लिए जीवन रेखा है, इस बार आपदा का कारण बनी है। नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है, जिसके कारण डिब्रूगढ़ जिले में 13 मछुआरे चार दिनों तक एक छोटे से द्वीप पर फंसे रहे, जिन्हें सेना के हेलीकॉप्टर ने बचाया। ब्रह्मपुत्र के तेज बहाव ने 2,000 से अधिक द्वीप गांवों को खतरे में डाल दिया है, और कई गांव पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि काजीरंगा नेशनल पार्क में भी बाढ़ ने कहर बरपाया है, जहां 200 से अधिक जंगली जानवर, जिनमें 10 दुर्लभ एक सींग वाले गैंडे शामिल हैं, डूब गए हैं। पार्क के रेंजर्स जानवरों को ऊंचे स्थानों पर ले जाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन तेज बहाव ने इस कार्य को चुनौतीपूर्ण बना दिया है।

आपदा प्रबंधन पर सवाल



इस आपदा ने पूर्वोत्तर राज्यों में आपदा प्रबंधन की तैयारियों पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। गुवाहाटी की एक गृहिणी बंसती राय ने स्थानीय प्रशासन की आलोचना करते हुए कहा, “न तो बाढ़ के पानी को निकालने का कोई प्रयास किया गया, न ही आसपास के क्षेत्रों में जल निकासी की व्यवस्था को सुधारा गया। रुकमिनीगांव में स्थिति पिछले कुछ वर्षों में बद से बदतर होती जा रही है।” गुवाहाटी में शहरी बाढ़ के कारण सरकारी कार्यालय और स्कूल बंद कर दिए गए हैं, जिससे दैनिक जीवन प्रभावित हुआ है। असम के शहरी और आवास मामलों के मंत्री जयंत मल्लाबरुआ ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और जल निकासी की समस्या को हल करने के लिए तत्काल कदम उठाने का आश्वासन दिया। हालांकि, स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसी आपदाओं से निपटने के लिए दीर्घकालिक उपायों की आवश्यकता है।

राहत और बचाव कार्यों में तेजी



राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), और असम राइफल्स प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों में जुटे हैं। अरुणाचल प्रदेश के चांगलांग जिले में सेना ने 70 छात्रों और शिक्षकों को एक जलमग्न स्कूल से सुरक्षित निकाला, जो इस आपदा में एक महत्वपूर्ण बचाव कार्य था। असम में 72 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जहां 8,000 से अधिक लोग शरण ले रहे हैं। भारतीय वायुसेना ने डिब्रूगढ़ में फंसे मछुआरों को बचाने के लिए हेलीकॉप्टर तैनात किए, और सिक्किम में फंसे पर्यटकों को निकालने के लिए बचाव अभियान चलाया जा रहा है। केंद्र सरकार ने प्रभावित राज्यों को वित्तीय सहायता और संसाधन उपलब्ध कराने का वादा किया है, लेकिन स्थानीय लोग दीर्घकालिक समाधानों की मांग कर रहे हैं।

जलवायु परिवर्तन और भविष्य की चुनौतियां



विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण मॉनसून की तीव्रता बढ़ रही है, जिससे पूर्वोत्तर भारत में बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं अधिक घातक हो रही हैं। बांग्लादेश और मेघालय के ऊपर बने एक डिप्रेशन ने इस बार की भारी बारिश को और तीव्र किया, जिसके परिणामस्वरूप यह आपदा आई। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यदि जलवायु परिवर्तन और अवैज्ञानिक निर्माण प्रथाओं को नियंत्रित नहीं किया गया, तो भविष्य में ऐसी आपदाएं और अधिक विनाशकारी हो सकती हैं। इस आपदा ने पूर्वोत्तर राज्यों में बेहतर आपदा प्रबंधन, जल निकासी प्रणाली, और बुनियादी ढांचे के विकास की तत्काल आवश्यकता को उजागर किया है।
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Floods and Landslides Wreak Havoc in North-East: 30 Dead in Two Days


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