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By: G D BHAGAT Senior Editor, UjalaNewsUK
पंचकूला में सामूहिक आत्महत्या: 15-20 करोड़ के कर्ज ने ले ली परिवार की जान
पंचकूला/पिंजौर - पंचकूला, हरियाणा; पिंजौर, हरियाणा - हरियाणा के पंचकूला में एक दिल दहला देने वाली घटना ने सभी को स्तब्ध कर दिया। प्रवीण मित्तल और उनके परिवार के छह सदस्यों ने 15 से 20 करोड़ रुपये के कर्ज के बोझ तले दबकर सामूहिक आत्महत्या कर ली। सेक्टर 27 के एक आवासीय क्षेत्र में सड़क किनारे खड़ी कार में मिले दो सुसाइड नोट ने इस दुखद घटना के पीछे की वित्तीय त्रासदी को उजागर किया। पुलिस ने इस मामले की गहन जांच शुरू कर दी है, जिसमें परिवार के सोशल मीडिया और बैंक खातों की पड़ताल शामिल है। यह घटना न केवल एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि वित्तीय संकट और सामाजिक दबावों के गंभीर परिणामों को भी उजागर करती है।
घटना का खुलासा: कार में मिला मृत परिवार
26 मई, 2025 की देर रात पंचकूला के सेक्टर 27 में सड़क किनारे खड़ी एक कार में स्थानीय निवासी पुनीत राणा ने छह लोगों को अचेत अवस्था में पाया। कार का दरवाजा खोलने पर प्रवीण मित्तल (41 वर्ष) ने हांफते हुए बताया कि वे बागेश्वर धाम के एक कार्यक्रम से लौटे थे और होटल में जगह न मिलने के कारण कार में रुके थे। प्रवीण ने यह भी कहा कि उन पर भारी कर्ज है और उनके रिश्तेदारों ने मदद नहीं की, जिसके कारण पूरे परिवार ने आत्महत्या का फैसला लिया। कुछ ही मिनटों में प्रवीण भी अचेत हो गए और उनकी मृत्यु हो गई। मृतकों में प्रवीण, उनकी पत्नी रीना, उनकी मां विमला, पिता देशराज, और तीन नाबालिग बच्चे (दो जुड़वां बेटियां और एक बेटा) शामिल थे।
सुसाइड नोट का खुलासा: कर्ज और रिश्तेदारों की अनदेखी
पुलिस ने कार से दो सुसाइड नोट बरामद किए, जिनमें परिवार की वित्तीय बदहाली का जिक्र था। नोट में बताया गया कि प्रवीण मित्तल पर 15 से 20 करोड़ रुपये का कर्ज था, जिसे चुकाने में वह असमर्थ थे। प्रवीण ने पहले एक फैक्टरी चलाई थी, लेकिन कारोबार में घाटे के बाद उनकी संपत्ति बैंक ने जब्त कर ली थी। इसके बाद, परिवार का गुजारा टैक्सी चलाकर हो रहा था। सुसाइड नोट में प्रवीण ने अपने भाई संदीप अग्रवाल से अंतिम संस्कार करने और उनके ससुर के खिलाफ कोई कार्रवाई न करने की अपील की। नोट में यह भी उल्लेख था कि परिवार के रिश्तेदारों ने उनकी मदद करने से इनकार कर दिया, जिसने उन्हें इस कठोर कदम के लिए मजबूर किया।
पुलिस की जांच: पांच टीमें गठित
पुलिस उपायुक्त (अपराध) अमित दहिया ने बताया कि इस मामले की गहन जांच के लिए पांच पुलिस टीमें गठित की गई हैं। टीमें परिवार के सोशल मीडिया एकाउंट, बैंक खातों, और अन्य वित्तीय लेनदेन की जांच कर रही हैं। एक-एक जांच टीम पिंजौर और देहरादून भेजी गई है, जहां परिवार पहले रहता था। देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह बिष्ट ने बताया कि परिवार आठ-नौ महीने पहले कौलागढ़ में किराए के मकान में रहता था। बाद में, किराया न दे पाने के कारण वे पिंजौर में प्रवीण के ससुर के घर चले गए थे, लेकिन वहां भी असमंजस के बाद पंचकूला के सकेत्री में रहने लगे थे।
देहरादून से पंजीकृत कार: एक और रहस्य
परिवार जिस कार में मृत पाया गया, वह देहरादून के गंभीर सिंह नेगी के नाम पर पंजीकृत थी। नेगी ने बताया कि उनकी मुलाकात प्रवीण मित्तल से एक एनजीओ के काम के दौरान हुई थी, और उन्होंने प्रवीण को कार खरीदने के लिए आर्थिक मदद की थी। इस कार का उपयोग परिवार ने अपनी अंतिम यात्रा के लिए किया, जिसने इस मामले को और रहस्यमयी बना दिया। पुलिस इस कार के पंजीकरण और इसके उपयोग की भी जांच कर रही है ताकि यह समझा जा सके कि परिवार ने इस स्थान को क्यों चुना।
ससुर की प्रतिक्रिया: संपर्क टूटा हुआ था
प्रवीण के पिंजौर में रहने वाले ससुर राकेश ने बताया कि उन्हें इस घटना की जानकारी पुलिस से मिली। उन्होंने कहा कि वह पिछले कुछ समय से परिवार के संपर्क में नहीं थे। राकेश ने भी पुष्टि की कि प्रवीण पर भारी कर्ज था, और उन्होंने शुरू में उसकी मदद की थी। हालांकि, बाद में पारिवारिक असमंजस के कारण संपर्क टूट गया था। यह बयान सुसाइड नोट में राकेश के खिलाफ कोई कार्रवाई न करने की अपील के साथ मेल खाता है।
वित्तीय संकट: कारोबार से टैक्सी तक का सफर
प्रवीण मित्तल का परिवार पहले एक समृद्ध कारोबारी परिवार था। उनकी फैक्टरी ने अच्छा मुनाफा कमाया था, लेकिन भारी नुकसान के बाद उनकी सारी संपत्ति बैंक ने जब्त कर ली। इसके बाद, प्रवीण ने परिवार का पालन-पोषण करने के लिए टैक्सी चलाना शुरू किया। संदीप अग्रवाल ने बताया कि प्रवीण की आर्थिक स्थिति इतनी खराब हो गई थी कि वह किराए का मकान भी नहीं चला पा रहे थे। यह वित्तीय तनाव ही परिवार की सामूहिक आत्महत्या का प्रमुख कारण बना।
सामाजिक और मनोवैज्ञानिक पहलू
यह घटना न केवल वित्तीय संकट की त्रासदी को दर्शाती है, बल्कि यह भी सवाल उठाती है कि समाज और परिवार रिश्तेदारों की मदद के लिए कितना तैयार है। प्रवीण ने सुसाइड नोट में रिश्तेदारों की अनदेखी का जिक्र किया, जिसने उनके मानसिक दबाव को और बढ़ाया। यह घटना समाज को यह सोचने पर मजबूर करती है कि वित्तीय संकट से जूझ रहे लोगों को मनोवैज्ञानिक और सामाजिक सहायता प्रदान करने की आवश्यकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए कर्ज प्रबंधन और मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ करना जरूरी है।
पुलिस की जांच: और रहस्यों का खुलासा
पुलिस उपायुक्त अमित दहिया ने बताया कि सुसाइड नोट में लिखी जानकारी की पूरी तरह से जांच की जा रही है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि कर्ज किससे और कितना लिया गया था, और क्या इसमें कोई आपराधिक तत्व शामिल था। परिवार के बैंक खातों और सोशल मीडिया की जांच से यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या कोई बाहरी दबाव था। पिंजौर और देहरादून की टीमें परिवार के पिछले निवास और रिश्तेदारों से पूछताछ कर रही हैं ताकि इस त्रासदी के सभी पहलुओं को समझा जा सके।
सामाजिक जागरूकता की जरूरत
यह घटना समाज के लिए एक चेतावनी है कि वित्तीय संकट और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों को गंभीरता से लेना होगा। पंचकूला की इस त्रासदी ने न केवल एक परिवार को खत्म कर दिया, बल्कि यह भी दिखाया कि कर्ज और सामाजिक दबाव लोगों को कितना तोड़ सकते हैं। सरकार और गैर-सरकारी संगठनों को कर्ज प्रबंधन, वित्तीय सलाह, और मानसिक स्वास्थ्य सहायता केंद्रों को बढ़ावा देने की जरूरत है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकी जा सकें।
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