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By: G D BHAGAT Senior Editor, UjalaNewsUK
ऑपरेशन सिंदूर: पाकिस्तान का असली चेहरा, आतंकियों के जनाजे में शामिल हुए सैन्य-पुलिस अधिकारी
नई दिल्ली - New Delhi
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की 'आतंकवाद को संरक्षण' देने वाली नीति को एक बार फिर बेनकाब कर दिया है। सेना द्वारा जारी तस्वीरों और वीडियो में पाकिस्तानी सेना व पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को आतंकियों के जनाजे में शामिल होते देखा गया है।
कौन थे जनाजे में शामिल पाक अधिकारी?
भारतीय सेना ने रविवार को "उन पाकिस्तानी अधिकारियों के नाम सार्वजनिक किए जो मारे गए आतंकियों के अंतिम संस्कार में शामिल हुए थे।" इनमें लेफ्टिनेंट जनरल फैयाज हुसैन शाह (लाहौर IV कॉर्प्स कमांडर), मेजर जनरल राव इमरान सर्ताज (11वीं इंफेंट्री डिवीजन) और पंजाब पुलिस के इंस्पेक्टर जनरल डॉ. उस्मान अनवर शामिल हैं।
लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी ने पढ़ाई जनाजे की नमाज
तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि "अमेरिका द्वारा वैश्विक आतंकी घोषित हाफिज अब्दुल रऊफ ने मुरिदके में मारे गए तीन आतंकियों की नमाजे जनाजा पढ़ाई।" ये आतंकी जमात-उद-दावा (जेयूडी) से जुड़े थे और मुरिदके की मस्जिद में कार्यरत थे।
पाकिस्तानी झंडे में लिपटे थे आतंकियों के शव
भारत द्वारा साझा किए गए सबूतों से पता चलता है कि "पाकिस्तानी सैनिकों ने आतंकियों के ताबूतों को कंधा दिया और उनके शव पाकिस्तानी राष्ट्रीय झंडे में लिपटे हुए थे।" इससे स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान आतंकियों को राजकीय सम्मान दे रहा है।
भारत ने क्या कहा?
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, "यह अजीब है कि पाकिस्तान में आतंकियों को सरकारी सम्मान दिया जा रहा है। क्या यह आतंक का समर्थन नहीं है?" उन्होंने पाकिस्तान के नागरिक मारे जाने के दावे को भी खारिज किया।
ऑपरेशन सिंदूर पहलगाम आतंकी हमले (26 मौतों) के जवाब में किया गया था, जिसमें भारत ने पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था। यह कार्रवाई पाकिस्तान की आतंकवाद को संरक्षण देने की नीति को उजागर करती है।
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