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By: G D BHAGAT Senior Editor, UjalaNewsUK
दहेज उत्पीड़न: पत्नी पर दबाव, पुलिस ने दर्ज किया केस!
अमृतसर, पंजाब - Amritsar, Punjab - अमृतसर के मजीठा क्षेत्र में एक कनाडाई नागरिक पति पर अपनी पत्नी को दहेज के लिए परेशान करने और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगा है। पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर पति और उसके परिवार के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। यह मामला भारत में एनआरआई विवाहों में दहेज की प्रथा के दुरुपयोग को उजागर करता है।
शिकायत का आधार
मजीठा निवासी एक महिला ने पुलिस को बताया कि उसकी शादी कनाडा में रहने वाले एक व्यक्ति से हुई थी। शादी के बाद पति ने उस पर लगातार दहेज लाने के लिए दबाव डाला और उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। पीड़िता ने आरोप लगाया कि उसके पति ने कनाडा में संपत्ति खरीदने के लिए पैसे और गहनों की मांग की। जब वह इन मांगों को पूरा नहीं कर पाई, तो उसे धमकियां दी गईं। यह शिकायत एनआरआई पतियों द्वारा दहेज उत्पीड़न के बढ़ते मामलों पर प्रकाश डालती है।
पुलिस की कार्रवाई
महिला की शिकायत के बाद, मजीठा पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 498-A (पति या रिश्तेदारों द्वारा महिला के प्रति क्रूरता) और दहेज निषेध अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया। पुलिस ने पति और उसके परिवार के खिलाफ जांच शुरू कर दी है, जो वर्तमान में कनाडा में हैं। पुलिस अधिकारी ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए कदम उठाए जा सकते हैं। यह कार्रवाई दहेज उत्पीड़न के खिलाफ कानूनी सख्ती को दर्शाती है।
दहेज उत्पीड़न का सामाजिक संदर्भ
भारत में दहेज की प्रथा लंबे समय से एक सामाजिक बुराई रही है, और एनआरआई विवाहों में यह समस्या और जटिल हो जाती है। कई एनआरआई पति विदेश में रहते हुए भी दहेज की मांग करते हैं, जिससे पीड़ित महिलाओं को कानूनी सहायता प्राप्त करना मुश्किल हो जाता है। महिला अधिकार कार्यकर्ता सुमन कौर ने कहा कि ऐसे मामलों में अंतरराष्ट्रीय कानून और भारतीय कानून के बीच समन्वय की आवश्यकता है। यह मामला दहेज के खिलाफ जागरूकता और कानूनी सुधार की जरूरत को रेखांकित करता है।
परिवार का दुख और समुदाय की प्रतिक्रिया
पीड़िता के परिवार ने इस घटना से गहरा सदमा व्यक्त किया है। उनका कहना है कि शादी के समय उन्होंने अपनी हैसियत के अनुसार दहेज दिया था, लेकिन पति की बढ़ती मांगों ने उनकी बेटी का जीवन दूभर कर दिया। स्थानीय समुदाय ने इस मामले की निंदा की है और पीड़िता के लिए न्याय की मांग की है। कई निवासियों ने एनआरआई विवाहों में पारदर्शिता और जागरूकता की आवश्यकता पर जोर दिया। समुदाय की यह एकजुटता पीड़िता के लिए नैतिक समर्थन प्रदान कर रही है।
पंजाब में दहेज उत्पीड़न के मामले
पंजाब में दहेज उत्पीड़न के मामले कोई नई बात नहीं हैं। पिछले कुछ वर्षों में, अमृतसर और आसपास के क्षेत्रों में दहेज के लिए महिलाओं के उत्पीड़न की कई घटनाएं सामने आई हैं। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, 2024 में अमृतसर में दहेज से संबंधित 50 से अधिक मामले दर्ज किए गए। इनमें से कई मामलों में एनआरआई परिवार शामिल थे। यह आंकड़ा पंजाब में दहेज की गहरी जड़ों को दर्शाता है।
कानूनी चुनौतियां
एनआरआई दहेज उत्पीड़न के मामलों में कानूनी कार्रवाई करना चुनौतीपूर्ण होता है, क्योंकि आरोपी अक्सर विदेश में रहते हैं। भारतीय पुलिस को कनाडा जैसे देशों के साथ प्रत्यर्पण संधियों और आपसी कानूनी सहायता समझौतों पर निर्भर रहना पड़ता है। कानूनी विशेषज्ञ सुझाव देते हैं कि ऐसे मामलों में तेजी से कार्रवाई के लिए विशेष कोर्ट और अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने की जरूरत है। यह चुनौती भारत और विदेशी सरकारों के बीच बेहतर समन्वय की मांग करती है।
महिलाओं के लिए सहायता तंत्र
पंजाब में दहेज उत्पीड़न की शिकार महिलाओं के लिए कई गैर-सरकारी संगठन (NGO) और सरकारी हेल्पलाइन काम कर रही हैं। महिला हेल्पलाइन 181 और सखी वन स्टॉप सेंटर जैसी सेवाएं पीड़िताओं को कानूनी और मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान करती हैं। सखी सेंटर ने पिछले साल 200 से अधिक दहेज उत्पीड़न पीड़िताओं को सहायता दी। ये सहायता तंत्र पीड़िताओं को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
जागरूकता और शिक्षा की आवश्यकता
विशेषज्ञों का मानना है कि दहेज उत्पीड़न को रोकने के लिए सामाजिक जागरूकता और शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण हैं। स्कूलों और कॉलेजों में दहेज के खिलाफ जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाने चाहिए, ताकि युवा पीढ़ी इस प्रथा को अस्वीकार करे। शिक्षा विभाग ने हाल ही में पंजाब के स्कूलों में लैंगिक समानता पर पाठ्यक्रम शुरू करने की योजना बनाई है। यह पहल दहेज जैसी सामाजिक बुराइयों को खत्म करने की दिशा में एक कदम है।
एनआरआई विवाहों में सावधानी
इस मामले ने एनआरआई विवाहों में सावधानी बरतने की आवश्यकता पर जोर दिया है। विशेषज्ञ सुझाव देते हैं कि परिवारों को शादी से पहले दूल्हे के बैकग्राउंड और वित्तीय मांगों की जांच करनी चाहिए। विवाह सलाहकार रजनी शर्मा ने कहा कि एनआरआई विवाहों में पारदर्शिता और लिखित समझौते महत्वपूर्ण हैं। यह सलाह एनआरआई विवाहों में होने वाली धोखाधड़ी को कम करने में मदद कर सकती है।
आगे की राह
यह मामला दहेज उत्पीड़न के खिलाफ सख्त कानूनी और सामाजिक कार्रवाई की मांग करता है। सरकार और समाज को मिलकर ऐसी नीतियां बनानी होंगी जो महिलाओं को सशक्त करें और दहेज जैसी प्रथाओं को जड़ से खत्म करें। महिला आयोग ने इस मामले में हस्तक्षेप करने और पीड़िता को सहायता प्रदान करने का वादा किया है। यह घटना पंजाब में दहेज के खिलाफ एक बड़े आंदोलन की शुरुआत हो सकती है।
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