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By: G D BHAGAT Senior Editor, UjalaNewsUK
अल्जीरिया में भारत का बड़ा खुलासा: पाकिस्तान ने आतंकियों को बचाने के लिए परमाणु शक्ति का किया इस्तेमाल
अल्जीरिया - Algiers - भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान की आतंकवादी गतिविधियों को उजागर करते हुए एक सनसनीखेज खुलासा किया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद बैजयंत पांडा ने अल्जीरिया में एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल के दौरे के दौरान पाकिस्तान पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अपनी परमाणु शक्ति का उपयोग आतंकवादी गतिविधियों को छिपाने और आतंकियों को संरक्षण देने के लिए कर रहा है। पांडा ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा प्रतिबंधित 52 आतंकवादी संगठनों और व्यक्तियों के पाकिस्तान में खुलेआम सक्रिय होने की बात को उजागर किया। इस बयान ने न केवल अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित किया है, बल्कि भारत-पाकिस्तान संबंधों में एक नया तनाव भी पैदा कर दिया है।
पाकिस्तान की आतंकवादी रणनीति पर भारत की नजर
अल्जीरिया की राजधानी अल्जियर्स में भारतीय प्रतिनिधिमंडल, जिसका नेतृत्व भाजपा सांसद बैजयंत पांडा कर रहे हैं, ने पाकिस्तान की आतंकवादी गतिविधियों को लेकर कड़ा रुख अपनाया। पांडा ने अल्जीरियाई मीडिया, थिंक टैंक और भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान ने अपनी परमाणु शक्ति का उपयोग आतंकवादी प्रशिक्षण, वित्तपोषण और हथियार कार्यक्रमों को छिपाने के लिए किया है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि यह कोई नया आरोप नहीं है, बल्कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भी 52 आतंकवादी संगठनों और व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाया है, जो पाकिस्तान में खुलेआम काम कर रहे हैं। पांडा ने विशेष रूप से अलकायदा के सरगना ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में छिपाने में पड़ोसी देश की संलिप्तता का जिक्र किया।
पाकिस्तान की परमाणु रणनीति का खुलासा
पाकिस्तान की परमाणु शक्ति का उपयोग आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए एक ढाल के रूप में करने का आरोप कोई छोटा दावा नहीं है। पांडा ने अपने बयान में यह स्पष्ट किया कि पाकिस्तान अपनी परमाणु क्षमता का दुरुपयोग करके आतंकवादी संगठनों को संरक्षण दे रहा है, जिससे क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा को गंभीर खतरा पैदा हो रहा है। भारत ने लंबे समय से पाकिस्तान पर आतंकवादी संगठनों को समर्थन देने का आरोप लगाया है, और इस बार अल्जीरिया में यह मुद्दा अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाया गया। पांडा ने कहा कि यह केवल भारत का दावा नहीं है, बल्कि संयुक्त राष्ट्र के रिकॉर्ड भी इसकी पुष्टि करते हैं कि पाकिस्तान में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन सक्रिय हैं। यह बयान वैश्विक समुदाय के लिए एक चेतावनी है कि पाकिस्तान की नीतियां विश्व शांति के लिए खतरा बन सकती हैं।
ओसामा बिन लादेन का मामला और पाकिस्तान की भूमिका
बैजयंत पांडा ने अपने भाषण में विशेष रूप से 2011 में अमेरिकी सेना द्वारा मार गिराए गए अलकायदा नेता ओसामा बिन लादेन का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने न केवल बिन लादेन को अपने देश में शरण दी, बल्कि उसे बचाने के लिए अपनी सैन्य और खुफिया एजेंसियों का उपयोग किया। यह एक ऐसा तथ्य है जिसने वैश्विक समुदाय को हिलाकर रख दिया था, क्योंकि बिन लादेन को पाकिस्तान के ऐबटाबाद में, एक सैन्य अकादमी के पास छिपा हुआ पाया गया था। पांडा ने इस घटना को पाकिस्तान की आतंकवाद के प्रति दोहरी नीति का एक स्पष्ट उदाहरण बताया। इस बयान ने पाकिस्तान की विश्वसनीयता पर एक बार फिर सवाल खड़े किए हैं।
अल्जीरिया में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का मिशन
भारतीय प्रतिनिधिमंडल, जिसमें वरिष्ठ सांसद और अधिकारी जैसे निशिकांत दूबे, रेखा शर्मा, असदुद्दीन ओवैसी, और पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला शामिल हैं, अल्जीरिया में भारत के आतंकवाद विरोधी रुख को मजबूत करने के लिए गया है। इस प्रतिनिधिमंडल ने पाहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए लोगों की याद में एक मिनट का मौन भी रखा, जिसमें 26 लोग, ज्यादातर पर्यटक, मारे गए थे। भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है, जबकि पाकिस्तान ने इन आरोपों से इनकार किया है। प्रतिनिधिमंडल का यह दौरा भारत की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि वह आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन जुटाने के लिए हर संभव प्रयास करेगा।
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति और आतंकवाद पर भारत का रुख
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति पर भी भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने सवाल उठाए। सांसद निशिकांत दूबे ने कहा कि पाकिस्तान अपनी अर्थव्यवस्था का 20-25% हिस्सा रक्षा पर खर्च करता है और उसकी अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ), सऊदी अरब, और अमेरिका से मिलने वाले कर्ज पर निर्भर है। दूबे ने चेतावनी दी कि पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति इतनी खराब है कि वह किसी भी समय सोमालिया या सूडान जैसे हालात का सामना कर सकता है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि 1971 के युद्ध में भारत ने 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों को रिहा किया था, लेकिन पाकिस्तान ने अभी तक 54 भारतीय सैनिकों को रिहा नहीं किया है। भारत का यह रुख दर्शाता है कि वह पाकिस्तान की आतंकवादी गतिविधियों और उसकी दोहरी नीतियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाएगा।
वैश्विक मंच पर भारत की रणनीति
भारत का अल्जीरिया में यह खुलासा न केवल पाकिस्तान की नीतियों को उजागर करता है, बल्कि वैश्विक समुदाय को यह संदेश भी देता है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत अकेला नहीं है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य के रूप में अल्जीरिया जैसे देशों का समर्थन भारत के लिए महत्वपूर्ण है। पांडा ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई को और मजबूत करेगा और इसके लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देगा। यह दौरा भारत की उस रणनीति का हिस्सा है, जिसमें वह वैश्विक मंचों पर आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का आह्वान कर रहा है। पाकिस्तान की परमाणु शक्ति का दुरुपयोग और आतंकवाद को समर्थन वैश्विक शांति के लिए एक बड़ा खतरा है, जिसे भारत ने अल्जीरिया में प्रभावी ढंग से उठाया है।
आतंकवाद के खिलाफ भारत का संकल्प
भारत ने बार-बार स्पष्ट किया है कि वह आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में कहा था कि भारत आतंकवादियों और उनके समर्थकों को “पृथ्वी के किसी भी कोने” में जाकर सजा देगा। अल्जीरिया में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का यह बयान इसी नीति का हिस्सा है। पाकिस्तान की परमाणु शक्ति के दुरुपयोग का खुलासा करके भारत ने न केवल पड़ोसी देश की नीतियों को उजागर किया है, बल्कि वैश्विक समुदाय को यह भी दिखाया है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकजुटता आवश्यक है। यह घटना भारत-पाकिस्तान संबंधों में एक नया मोड़ ला सकती है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करने के लिए मजबूर कर सकती है।
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