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By: G D BHAGAT Senior Editor, UjalaNewsUK
इजरायल-ईरान युद्ध पर दुनिया दो खेमों में बंटी, भारत ने अपनाया संतुलित रुख
तेल अवीव, इजरायल - तेहरान, ईरान - इजरायल-ईरान के बीच चल रहे तनाव ने पूरी दुनिया को दो खेमों में बांट दिया है। जहां अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी और इटली जैसे पश्चिमी देशों ने इजरायल का खुलकर समर्थन किया है, वहीं चीन, यमन, इराक, तुर्किये और ओमान जैसे देश ईरान के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। भारत ने इस संघर्ष पर संतुलित रुख अपनाते हुए बातचीत और कूटनीति का रास्ता अपनाने की अपील की है।
भारत ने एससीओ के बयान में नहीं लिया हिस्सा, कूटनीति पर जोर
भारत ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) द्वारा जारी बयान में हिस्सा नहीं लिया, जिसमें इजरायल के हमले की निंदा की गई थी। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ने तनाव कम करने के लिए बातचीत और कूटनीति का आग्रह किया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने ईरानी समकक्ष के साथ हालात पर चर्चा की और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंताओं से अवगत कराया।
पश्चिमी देशों का इजरायल को समर्थन, चीन-तुर्किये ने की निंदा
अमेरिका और यूरोपीय देशों ने इजरायल के "आत्मरक्षा के अधिकार" का समर्थन किया है। फ्रांस के विदेश मंत्री ने कहा कि ईरान की परमाणु महत्वाकांक्षाएं चिंता का विषय हैं। वहीं, चीन और तुर्किये ने इजरायल के हमले को "अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन" बताते हुए कड़ी निंदा की है।
पाकिस्तान और कतर ने ईरान के साथ जताई एकजुटता
पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने ईरान के साथ अपनी एकजुटता जताई और इजरायल के हमलों को "अनुचित" बताया। कतर ने भी इजरायल की कार्रवाई को "संप्रभुता का उल्लंघन" करार दिया। यूके और जर्मनी जैसे देशों ने हालांकि दोनों पक्षों से तनाव कम करने का आग्रह किया है।
ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर वैश्विक चिंता
इजरायल का दावा है कि ईरान परमाणु हथियार बनाने के करीब पहुंच चुका है और उसकी कार्रवाई "दुनिया के अस्तित्व को बचाने" के लिए थी। एससीओ ने ईरान के परमाणु मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान करने की वकालत की है। भारत ने भी इस मामले पर संयम बरतने की सलाह दी है।
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World Divided Into Two Camps Over Israel-Iran War, India Adopts Balanced Approach