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By: G D BHAGAT Senior Editor, UjalaNewsUK
अमेरिका का वीज़ा झटका: भारतीय छात्रों का सपना अधर में!
नई दिल्ली, भारत - New Delhi, India - अमेरिका ने विदेशी छात्रों के लिए नए स्टूडेंट वीज़ा इंटरव्यू पर अस्थायी रोक लगा दी है, जिससे भारतीय छात्रों में चिंता की लहर दौड़ गई है। यह निर्णय ट्रंप प्रशासन द्वारा लागू की जा रही सख्त सोशल मीडिया जांच नीति का हिस्सा है। यह कदम भारतीय छात्रों के लिए अमेरिकी विश्वविद्यालयों में दाखिले की प्रक्रिया को और जटिल कर सकता है, जो पहले से ही वीज़ा प्रक्रिया में देरी का सामना कर रहे हैं।
नए वीज़ा इंटरव्यू पर रोक
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को एक आदेश जारी किया, जिसमें दूतावासों और वाणिज्य दूतावासों को नए स्टूडेंट वीज़ा (F, M, और J श्रेणी) इंटरव्यू की बुकिंग रोकने के निर्देश दिए गए। यह निर्णय तब तक लागू रहेगा, जब तक सोशल मीडिया जांच के लिए नई गाइडलाइंस जारी नहीं हो जातीं। विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इस कदम को राष्ट्रीय सुरक्षा और विश्वविद्यालय परिसरों में कथित अशांति से जोड़ा है। पहले से बुक किए गए इंटरव्यू प्रभावित नहीं होंगे, लेकिन नए स्लॉट की अनुपलब्धता ने हजारों छात्रों को अनिश्चितता में डाल दिया है।
सोशल मीडिया जांच का नया दौर
ट्रंप प्रशासन विदेशी छात्रों की सोशल मीडिया गतिविधियों की गहन जांच की तैयारी कर रहा है। इसके तहत फेसबुक, एक्स, इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर छात्रों के पोस्ट, इंटरैक्शन और तस्वीरों की समीक्षा की जाएगी। पॉलिटिको की रिपोर्ट के अनुसार, यह जांच आतंकवाद और यहूदी-विरोधी गतिविधियों से संबंधित सामग्री पर केंद्रित होगी। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि पलस्तीन झंडे की तस्वीर पोस्ट करने जैसे कदमों को अतिरिक्त जांच के दायरे में लाया जाएगा या नहीं।
भारतीय छात्रों पर सबसे बड़ा असर
भारत अमेरिकी विश्वविद्यालयों में सबसे अधिक अंतरराष्ट्रीय छात्र भेजने वाला देश है। 2023-24 में 3.3 लाख से अधिक भारतीय छात्र अमेरिका में पढ़ रहे थे, जो अमेरिकी अर्थव्यवस्था में 43.8 बिलियन डॉलर का योगदान दे रहे हैं। अजय भुटोरिया, पूर्व सलाहकार, ने कहा कि यह रोक फॉल 2025 सत्र के लिए आवेदन करने वाले भारतीय छात्रों के लिए गंभीर बैकलॉग पैदा कर सकती है। यह निर्णय भारत-अमेरिका शैक्षिक आदान-प्रदान को कमजोर कर सकता है।
पहले से ही चुनौतियों का सामना
भारतीय छात्र पहले से ही वीज़ा प्रक्रिया में देरी और स्लॉट की कमी से जूझ रहे हैं। जनवरी से सितंबर 2024 तक भारतीयों को जारी किए गए F-1 वीज़ा में 38% की कमी दर्ज की गई। शिक्षा सलाहकार वायरल दोशी का कहना है कि जिन छात्रों ने सितंबर सत्र के लिए इंटरव्यू बुक नहीं किए, उन्हें अब अनिश्चित देरी का सामना करना पड़ सकता है। कई छात्र अब यूके, सिंगापुर या भारत में पढ़ाई के विकल्प तलाश रहे हैं।
ट्रंप प्रशासन का कड़ा रुख
यह कदम ट्रंप प्रशासन की व्यापक आव्रजन नीति का हिस्सा है, जो कथित तौर पर परिसरों में यहूदी-विरोधी माहौल को रोकने पर केंद्रित है। प्रशासन ने पहले पलस्तीन समर्थक प्रदर्शनों में शामिल छात्रों के वीज़ा रद्द किए और डिपोर्टेशन का आदेश दिया। हार्वर्ड विश्वविद्यालय पर हाल ही में विदेशी छात्रों को भर्ती करने पर रोक लगाने की कोशिश की गई, जिसे एक संघीय न्यायाधीश ने अस्थायी रूप से रोक दिया। यह नीति विश्वविद्यालयों और प्रशासन के बीच तनाव को और बढ़ा रही है।
कानूनी चुनौतियां और प्रतिक्रिया
कई छात्रों ने वीज़ा रद्द होने के खिलाफ कानूनी लड़ाई शुरू की है। साइरस डी. मेहता, न्यूयॉर्क के आव्रजन वकील, ने बताया कि छात्र वीज़ा रद्द होने के बाद भी गैर-आप्रवासी स्थिति में रह सकते हैं और अदालत में चुनौती दे सकते हैं। कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से इस मुद्दे को अमेरिकी समकक्ष के साथ उठाने की मांग की है। भारतीय दूतावास प्रभावित छात्रों को समर्थन देने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है।
वैकल्पिक रास्ते और सलाह
शिक्षा विशेषज्ञों ने छात्रों को सलाह दी है कि वे अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल को सावधानी से प्रबंधित करें। वकील राजीव खन्ना ने सुझाव दिया कि छात्र अपने वीज़ा आवेदन से जुड़े ईमेल को नियमित रूप से जांचें और अंतरराष्ट्रीय यात्रा से बचें। दोशी ने कहा कि अगर देरी जारी रही, तो छात्र जनवरी सत्र में दाखिला लेने या गैप ईयर लेने पर विचार कर सकते हैं। छात्रों को अपनी शैक्षिक योजनाओं को लचीला रखने की सलाह दी जा रही है।
आर्थिक और शैक्षिक प्रभाव
इस रोक से भारतीय छात्रों की शैक्षिक योजनाओं पर असर पड़ने के साथ-साथ अमेरिकी अर्थव्यवस्था भी प्रभावित हो सकती है। अंतरराष्ट्रीय छात्र अमेरिकी विश्वविद्यालयों के लिए राजस्व का एक प्रमुख स्रोत हैं। विश्लेषकों का मानना है कि यह नीति दीर्घकालिक रूप से अमेरिका की वैश्विक शिक्षा में अग्रणी स्थिति को कमजोर कर सकती है। भारतीय छात्रों की संख्या में कमी से दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और शैक्षिक संबंध प्रभावित हो सकते हैं।
छात्रों में बढ़ती चिंता
सोशल मीडिया पर भारतीय छात्र अपनी चिंताओं को व्यक्त कर रहे हैं। कई छात्रों ने इस कदम को अनुचित बताते हुए इसे अपने सपनों पर हमला करार दिया है। सोशल मीडिया पोस्ट के अनुसार, छात्र इस अनिश्चितता से परेशान हैं और स्पष्ट दिशा-निर्देशों की मांग कर रहे हैं। छात्र समुदाय इस कठिन समय में एकजुटता दिखा रहा है और समाधान की तलाश कर रहा है।
भविष्य की अनिश्चितता
इस रोक की अवधि और प्रभाव अभी स्पष्ट नहीं हैं। अमेरिकी दूतावास ने कहा कि छात्र अभी भी आवेदन जमा कर सकते हैं, लेकिन नए इंटरव्यू स्लॉट की अनुपलब्धता चिंता का विषय है। शिक्षा सलाहकार मानते हैं कि यह मुद्दा जल्द हल हो सकता है, क्योंकि अमेरिका को भी विदेशी छात्रों से लाभ होता है। हालांकि, जब तक नई गाइडलाइंस जारी नहीं होतीं, भारतीय छात्रों को धैर्य और सावधानी बरतने की जरूरत है।
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