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By: G D BHAGAT Senior Editor, UjalaNewsUK
विश्व पर्यावरण दिवस 2025: प्लास्टिक प्रदूषण को खत्म करने की जंग
नई दिल्ली, भारत - New Delhi, India
विश्व पर्यावरण दिवस 2025 की थीम "प्लास्टिक प्रदूषण को खत्म करना" है, जिसका उद्देश्य दुनिया भर में प्लास्टिक के बढ़ते खतरों के प्रति जागरूकता फैलाना और इसका समाधान ढूंढना है। यह दिवस हर साल 5 जून को मनाया जाता है और इस बार साउथ कोरिया इसका मेजबान देश है।
प्लास्टिक प्रदूषण: एक वैश्विक संकट
प्लास्टिक प्रदूषण आज दुनिया के सामने सबसे बड़े पर्यावरणीय खतरों में से एक बन चुका है। संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार, हर साल दुनिया भर में 400 मिलियन टन प्लास्टिक का उत्पादन होता है, जिसमें से आधा सिर्फ एक बार इस्तेमाल करके फेंक दिया जाता है। इसका सिर्फ 10% ही रिसाइकल हो पाता है, जबकि बाकी कचरा नदियों, समुद्रों और जमीन पर जमा हो जाता है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, हर साल लगभग 1.1 करोड़ टन प्लास्टिक समुद्रों में पहुंच जाता है, जिसका वजन 2,200 एफिल टावर्स के बराबर है!
भारत में प्लास्टिक प्रदूषण की स्थिति
भारत दुनिया के सबसे बड़े प्लास्टिक प्रदूषक देशों में शामिल है और ग्लोबल प्लास्टिक कचरे का 20% योगदान देता है। देश में 95% कचरा इकट्ठा करने का दावा किया जाता है, लेकिन ग्रामीण इलाकों और अनौपचारिक रिसाइक्लिंग को इसमें शामिल नहीं किया जाता। इसके अलावा, हर साल लगभग 5.8 मिलियन टन प्लास्टिक कचरा खुले में जलाया जाता है, जो हवा को जहरीला बना रहा है।
प्लास्टिक प्रदूषण के प्रमुख खतरे
प्लास्टिक प्रदूषण सिर्फ पर्यावरण के लिए ही नहीं, बल्कि मानव स्वास्थ्य के लिए भी एक बड़ा खतरा है। इससे निम्नलिखित समस्याएं पैदा हो रही हैं:
जलवायु परिवर्तन: प्लास्टिक उत्पादन से हर साल 1.8 बिलियन मीट्रिक टन CO₂ उत्सर्जित होता है, जो 380 कोयला बिजलीघरों के बराबर है।
जैव विविधता को नुकसान: समुद्री जीव प्लास्टिक को भोजन समझकर खा लेते हैं, जिससे उनकी मौत हो जाती है।
अर्थव्यवस्था पर प्रभाव: प्लास्टिक प्रदूषण की वजह से दुनिया को हर साल 300-600 बिलियन डॉलर का नुकसान उठाना पड़ता है।
विश्व पर्यावरण दिवस 2025: साउथ कोरिया की भूमिका
इस बार विश्व पर्यावरण दिवस का आयोजन साउथ कोरिया में हो रहा है। यह देश पहले भी प्लास्टिक प्रदूषण पर वैश्विक वार्ताओं का आयोजन कर चुका है। इस मौके पर दुनिया भर के नेता, वैज्ञानिक और पर्यावरण कार्यकर्ता प्लास्टिक के खिलाफ नई रणनीतियों पर चर्चा करेंगे।
क्या हो सकता है समाधान?
प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकते हैं:
सिंगल-यूज़ प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध।
रीसाइक्लिंग को बढ़ावा देना।
जागरूकता अभियान चलाना।
वैकल्पिक उत्पादों का उपयोग करना।
अगर अभी नहीं चेते, तो 2060 तक प्लास्टिक कचरा तिगुना हो सकता है!
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