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क्या चंपावत में फिर होगा आंदोलन? एसबीआई की नई शाखा पर बड़ा विवाद!
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की प्रस्तावित पुनेठी (छतार) शाखा को लेकर क्षेत्रवासियों में भारी आक्रोश है। छतार से दो किलोमीटर दूर दूसरी जगह शाखा खोले जाने के विरोध में स्थानीय लोगों ने 21 फरवरी तक मांग पूरी न होने पर उग्र आंदोलन और राष्ट्रीय राजमार्ग जाम करने की चेतावनी दी है। एसबीआई अधिकारियों के अड़ियल रवैये को लेकर लोगों में गहरी नाराजगी है।
लंबे समय से बैंकिंग सुविधा की मांग, लेकिन अब तक उपेक्षा
छतार क्षेत्र के लोगों का कहना है कि वे लंबे समय से बैंकिंग सुविधा की मांग कर रहे हैं, लेकिन एसबीआई प्रशासन उनकी जरूरतों को लगातार नजरअंदाज कर रहा है। छतार एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जहां बड़ी संख्या में सेवानिवृत्त अधिकारी, कर्मचारी, पूर्व सैनिक, सैन्य अधिकारी, वरिष्ठ नागरिक तथा कई व्यवसायिक प्रतिष्ठान स्थित हैं। यहां मिनी औद्योगिक आस्थान, कलेक्ट्रेट, जिला न्यायालय, उरेडा कार्यालय समेत कई सरकारी विभागों के कार्यालय भी हैं। इसके बावजूद इस क्षेत्र में अभी तक कोई बैंकिंग सुविधा नहीं है।
पहले छतार में शाखा खोलने का था प्रस्ताव, लेकिन अब बदल दिया फैसला
एसबीआई ने 1 जनवरी 2025 को समाचार पत्रों के माध्यम से पुनेठी (छतार) क्षेत्र में शाखा खोलने के लिए निविदा आमंत्रित की थी। यहां पर्याप्त व्यावसायिक भवन और भूखंड उपलब्ध हैं, जिनके मालिकों ने निविदा प्रक्रिया में भाग भी लिया था। बावजूद इसके, बैंक अधिकारियों ने दबाव में आकर जीआईसी चौक के पास ऐसी जगह शाखा खोलने का निर्णय लिया, जहां पहले से ही 14 बैंकों की शाखाएं मौजूद हैं।
छतार के लोगों ने डीएम से की थी शिकायत, फिर भी अनदेखी
छतार विकास समिति ने इस मुद्दे को लेकर चंपावत के जिलाधिकारी (डीएम) से भी वार्ता की थी। इसके बाद डीएम ने एसबीआई के सहायक महाप्रबंधक, पिथौरागढ़ से बात कर छतार क्षेत्र में बैंकिंग सुविधा उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था। लेकिन बैंक अधिकारियों ने इस अनुरोध को भी अनदेखा कर दिया, जिससे स्थानीय लोगों में जबरदस्त आक्रोश फैल गया है।
21 फरवरी तक मांगे न मानी गईं तो होगा आंदोलन, एसबीआई के खातों को बंद करने की चेतावनी
छतार के लोगों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि 21 फरवरी तक उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे राष्ट्रीय राजमार्ग जाम करेंगे और उग्र आंदोलन छेड़ेंगे। इतना ही नहीं, उन्होंने स्टेट बैंक से अपने खातों को भी हटाने की धमकी दी है, जिसकी पूरी जिम्मेदारी एसबीआई प्रबंधन की होगी।
बैंक अधिकारियों के अड़ियल रवैये के चलते चंपावत एक बार फिर आंदोलन के मुहाने पर खड़ा है। अगर जल्द ही कोई समाधान नहीं निकला, तो एसबीआई को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
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